महाकुंभ मेला: VIP के लिए विशेष सुविधाएं, लेकिन आम आदमी के लिए सुरक्षा की कमी:---महाकुंभ मेले में मची भगदड़

महाकुंभ मेला: VIP के लिए विशेष सुविधाएं, लेकिन आम आदमी के लिए सुरक्षा की कमी

हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहा है। लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन इस ऐतिहासिक आयोजन के बीच, एक बार फिर प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल उठ रहे हैं।


महाकुंभ मेला: VIP के लिए विशेष सुविधाएं, लेकिन आम आदमी के लिए सुरक्षा की कमी

हरिद्वार में चल रहे महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहा है। लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। लेकिन इस ऐतिहासिक आयोजन के बीच, एक बार फिर प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल उठ रहे हैं।

VIP संस्कृति की झलक

महाकुंभ मेले में VIP के लिए विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। इनके लिए अलग से पार्किंग व्यवस्था, गंगा स्नान के लिए सुरक्षित और अलग घाट, और बिना किसी बाधा के प्रवेश जैसे प्रबंध किए गए हैं। ये सुविधाएं निश्चित रूप से उनकी सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। लेकिन क्या यह आयोजन सभी के लिए समान है?

आम श्रद्धालुओं की कठिनाई

जहां VIPs को प्राथमिकता मिल रही है, वहीं आम श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंगा घाट पर भारी भीड़ होने के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।

प्रयागराज स्थित महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के भगदड़ मच गई। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व पर भीड़ बढ़ने से यह भगदड़ मची। महाकुंभ मेले में अभी संगम तट पर श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ है। इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की खबर है। महाकुंभ भगदड़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी ने सुबह-सुबह सीएम योगी से बातचीत की है। बहरहाल, एहतियात के तौर पर महाकुंभ में आज के अमृत स्नान पर फिलहाल रोक लग गई है। भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद की ओर से अमृत स्नान स्थगित करने का फैसला लिया गया है। संगम नोज के करीब भगदड़ में दर्जनों लोग घायल हुए हैं। एम्बुलेंस से घायलों को केंद्रीय चिकित्सालय महाकुंभ लाया गया है, जहां इनका इलाज चल रहा है।

महाकुंभ मेले की ओएसडी आकांक्षा राणा ने मीडिया के सामने भगदड़ की जानकारी दी है। उन्होंने कहा संगम पर भीड़ का दबाव बढ़ने से यह घटना हुई है। हालांकि उनका दावा है कि कोई ज्यादा सीरियस नहीं है। लेकिन लगातार घायलों के आने का सिलसिला जारी है। महाकुंभ मेले के केंद्रीय चिकित्सालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

भगदड़: सुरक्षा की गंभीर चूक

हाल ही में हुई भगदड़ ने सुरक्षा उपायों की पोल खोल दी। News18 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन के सुरक्षा दावों के बावजूद श्रद्धालुओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा।

प्रयागराज स्थित महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के भगदड़ मच गई. महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व पर भीड़ बढ़ने से यह भगदड़ मची. महाकुंभ मेले में अभी संगम तट पर श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ है. इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की खबर है. महाकुंभ भगदड़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए पीएम मोदी ने सुबह-सुबह सीएम योगी से बातचीत की है. बहरहाल, एहतियात के तौर पर महाकुंभ में आज के अमृत स्नान पर फिलहाल रोक लग गई है. भगदड़ के बाद अखाड़ा परिषद की ओर से अमृत स्नान स्थगित करने का फैसला लिया गया है. संगम नोज के करीब भगदड़ में दर्जनों लोग घायल हुए हैं. एम्बुलेंस से घायलों को केंद्रीय चिकित्सालय महाकुंभ लाया गया गया है, जहां इनका इलाज चल रहा है. फिलहाल, महाकुंभ मेला और भगदड़ से जुड़ी हर खबर के लिए यहां बने रहें.

महाकुंभ मेले की ओएसडी आकांक्षा राणा ने मीडिया के सामने भगदड़ की जानकारी दी है. उन्होंने कहा संगम पर भीड़ का दबाव बढ़ने से यह घटना हुई है. हालांकि उनका दावा है कि कोई ज्यादा सीरियस नहीं है. लेकिन लगातार घायलों के आने का सिलसिला जारी है. महाकुंभ मेले के केंद्रीय चिकित्सालय को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.


सुझाव और समाधान

  1. भीड़ प्रबंधन: आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुशल भीड़ प्रबंधन रणनीति लागू करनी चाहिए।

  2. समानता: VIP और आम जनता के लिए सुविधाओं में समानता लाने की आवश्यकता है।

  3. टेक्नोलॉजी का उपयोग: CCTV, ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भीड़ और सुरक्षा की निगरानी के लिए किया जा सकता है।

  4. स्वयंसेवकों की मदद: स्थानीय और राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठनों की मदद लेकर व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में हर वर्ग के व्यक्ति की भागीदारी होती है। यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे सभी के लिए समान और सुरक्षित माहौल प्रदान करें। VIP संस्कृति और आम श्रद्धालुओं के प्रति उदासीनता से समाज में असंतोष बढ़ता है। समय आ गया है कि प्रशासन इन मुद्दों पर ध्यान देकर महाकुंभ मेले को वास्तव में "आस्था का संगम" बनाए।



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