Shree Hanuman Chalisa (श्री हनुमान चालीसा):-

आजकल लोग हनुमान चालीसा की कई ऑडियो और वीडियो सुनते हैं, जिससे उन्हें इसका पाठ याद तो हो जाता है, लेकिन सही उच्चारण और शब्दों की शुद्धता में गलतियाँ हो सकती हैं। इसके कारण, जब वे लिखने की कोशिश करते हैं, तो कई बार गलतियाँ कर बैठते हैं।

इसीलिए, इस ब्लॉग में मैं आपके लिए हनुमान चालीसा का शुद्ध और प्रमाणित पाठ लेकर आया हूँ। साथ ही, मैं आपको सही उच्चारण के सुझाव भी दूँगा, ताकि आप न केवल इसे याद कर सकें, बल्कि शुद्धता के साथ इसका पाठ भी कर सकें।

हनुमान चालीसा पाठ:  

श्री गणेशाय नमः

दोहा: श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार॥

चालीसा: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीश तिहुँ लोक उजागर॥

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुँचित केसा॥

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै।
काँधे मूंज जनेउ साजै॥

शंकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जगवंदन॥

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे।
रामचंद्र के काज सँवारे॥

लाय सजीवन लखन जियाए।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥

इस पाठ को पढ़ने और सुनने के बाद, आप सुनिश्चित करें कि इसका उच्चारण शुद्ध हो।

सुझाव:

  1. प्रतिदिन पाठ करने से उच्चारण में सुधार होगा।

  2. किसी विद्वान या गुरु के मार्गदर्शन में अभ्यास करें।

  3. उच्चारण सीखने के लिए प्रमाणित ऑडियो या वीडियो का उपयोग करें।

इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएँ और उन्हें भी इसका लाभ उठाने में मदद करें।

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